श्री रामायण जी की आरती रामायण जी की आरती आरती श्री रामायण जी की।कीरति कलित ललित सिया-पी की॥गावत ब्राह्मादिक मुनि नारद।बालमीक विज्ञान विशारद।शुक सनकादि शेष अरु शारद।बरनि पवनसुत कीरति नीकी॥आरती श्री रामायण जी की।कीरति कलित ललित सिया-पी की॥गावत वेद पुरान अष्टदस।छओं शास्त्र सब ग्रन्थन को रस।मुनि-मन धन सन्तन को सरबस।सार अंश सम्मत सबही की॥आरती श्री रामायण जी की।कीरति कलित ललित सिया-पी की॥गावत सन्तत शम्भू भवानी।अरु घट सम्भव मुनि विज्ञानी।व्यास आदि कविबर्ज बखानी।कागभुषुण्डि गरुड़ के ही की॥आरती श्री रामायण जी की।कीरति कलित ललित सिया-पी की॥कलिमल हरनि विषय रस फीकी।सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की।दलन रोग भव मूरि अमी की।तात मात सब विधि तुलसी की॥आरती श्री रामायण जी की।कीरति कलित ललित सिया-पी की॥ गणेश जी आरतीजय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी ! Click Here शिव जी आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥ Click Here श्री विष्णु जी आरती ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ॐ..॥ Click Here Other Books चालीसा संग्रहभगवान के चालीसा पाठ के लिए नचे दिए बटन पर क्लिक करे! Clcik Here Let's join hands to create a brighter world, with the guiding hand of God! United in purpose, let us come together to shape a world filled with compassion and hope, seeking divine guidance every step of the way.